भूपेश के बेटे पर मनी लॉन्ड्रिंग केस, ED की 5 दिन की रिमांड याचिका
रायपुर स्पेशल कोर्ट में आज सुनवाई, शराब घोटाले से जुड़ी 16.70 करोड़ की रकम का आरोप

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनसे दोबारा पूछताछ के लिए 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड मांगी है। रायपुर की स्पेशल कोर्ट में आज इस पर सुनवाई होगी।
रायपुर। शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे चैतन्य बघेल एक बार फिर ED की रडार पर हैं। सोमवार को कोर्ट में कार्यवाही न होने से उन्हें एक दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था। अब एजेंसी ने कोर्ट में आवेदन देकर 5 दिन की कस्टडी की मांग की है।
ED का आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से चैतन्य को करीब 16.70 करोड़ रुपए मिले। इस रकम को सफेद करने के लिए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया गया। एजेंसी का दावा है कि इस पूरे सिंडिकेट ने मिलकर 1000 करोड़ रुपए से अधिक की हेराफेरी की है।
एजेंसी की जांच में सामने आया कि बघेल डेवलपर्स के विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट में घोटाले का पैसा लगाया गया। कंसल्टेंट राजेंद्र जैन ने पूछताछ में खुलासा किया कि प्रोजेक्ट पर असल में 13 से 15 करोड़ रुपए खर्च हुए, लेकिन रिकॉर्ड में सिर्फ 7.14 करोड़ दिखाया गया। जब्त डिजिटल डिवाइस से यह भी पता चला कि एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ कैश में भुगतान किया गया, जो खातों में दर्ज नहीं है।
चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को भिलाई से गिरफ्तार किया गया था। तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं। आज उनकी पेशी के दौरान ED की रिमांड याचिका पर फैसला आएगा।