'रिमझिम सावन मेला 2025' का रंगारंग समापन, दुर्ग की सांस्कृतिक परंपरा को मिला नया आयाम

मुख्य अतिथि कौशल्या देवी साय ने झूले का लिया आनंद, लोकनृत्य और भजनों से महका दो दिवसीय आयोजन; हजारों नागरिकों की रही भागीदारी

दुर्ग नगर निगम द्वारा आयोजित दो दिवसीय 'रिमझिम सावन मेला 2025' का समापन समारोह उल्लास, रंग और सांस्कृतिक झलकियों के साथ संपन्न हुआ। इस आयोजन ने न केवल नागरिकों को मनोरंजन का अवसर दिया, बल्कि महिलाओं की भागीदारी और सांस्कृतिक प्रस्तुति ने मेले को यादगार बना दिया।

दुर्ग। नगर पालिक निगम दुर्ग द्वारा आयोजित 'रिमझिम सावन मेला 2025' का समापन समारोह रविवार को धूमधाम और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। दो दिवसीय इस आयोजन में शहरवासियों ने भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भरपूर आनंद लिया।

समापन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी एवं वरिष्ठ समाजसेविका कौशल्या देवी साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उन्होंने संभागायुक्त की धर्मपत्नी और महापौर अलका बाघमार के साथ सावन के प्रतीक झूले का आनंद लिया, जिससे समारोह में पारंपरिक रंग घुल गया।

कार्यक्रम के दौरान मंच पर प्रस्तुत लोकनृत्य, भजन, समूह गायन और नारीशक्ति पर केंद्रित प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों की प्रतिभा को सम्मानित करते हुए अतिथियों ने उन्हें स्मृति चिन्ह और प्रमाणपत्र प्रदान किए।

विधायक गजेंद्र यादव और महापौर अलका बाघमार ने नागरिकों, अधिकारियों और स्टॉल संचालकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा,
"रिमझिम सावन मेला अब केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि दुर्ग की सांस्कृतिक पहचान बन गया है। अगले वर्ष इसे और भी व्यापक स्तर पर आयोजित किया जाएगा।"