नई शिक्षा नीति पर भिलाई में राष्ट्रीय संगोष्ठी

सेंट थॉमस कॉलेज में “सीमाओं से परे शिक्षा” विषय पर हुआ मंथन, शोधपत्रों और विचार-विमर्श में दिखी नई दिशा

नई शिक्षा नीति पर भिलाई में राष्ट्रीय संगोष्ठी

भिलाई। सेंट थॉमस कॉलेज, भिलाई में “सीमाओं से परे शिक्षा : आजीवन अधिगम, भावनात्मक स्वास्थ्य और कौशल विकास हेतु एनईपी आधारित दृष्टिकोण” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। नई शिक्षा नीति 2020 की विशेषताओं और शिक्षा व्यवस्था में हो रहे बदलावों पर गहन विमर्श किया गया। कार्यक्रम में देशभर से आए शिक्षाविदों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।

उद्घाटन सत्र में नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग के डॉ. साजी वर्गीज ने मुख्य वक्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति न केवल ज्ञान और कौशल बल्कि सहानुभूति और जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करती है। इसी अवसर पर उनकी पुस्तक “एशियन अल्टरनेटिव्स : कंटेम्पररी डिबेट्स ऑन एजुकेशन एंड फिलॉसफी” का विमोचन हुआ।

इसके बाद ज्ञान निकेतन, अलुवा (केरल) के फादर डॉ. ऑगस्टीन पामप्लनी ने “न्यूरोकॉग्निटिव परिप्रेक्ष्य से भावनात्मक स्वास्थ्य” विषय पर व्याख्यान दिया। संगोष्ठी में प्रस्तुत शोधपत्रों में छात्र-केंद्रित शिक्षण पद्धति, तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का शिक्षा में समावेश, फैकल्टी डेवलपमेंट और 21वीं सदी के कौशलों पर विशेष चर्चा हुई।

भिलाई सहित विभिन्न महाविद्यालयों से आए विद्यार्थियों ने भी शिक्षा के सामाजिक आयामों पर अपने विचार रखे। संगोष्ठी के समापन अवसर पर संयोजक डॉ. सुजाता कोले ने सारांश प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह संगोष्ठी नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में एक सार्थक कदम है।