‘पीएम सूर्य घर’ योजना से रीता बनाफर बनीं पर्यावरण प्रहरी, बिजली बिल में मिली बड़ी राहत

धनोरा की गृहिणी ने छत पर लगवाया रूफटॉप सोलर सिस्टम

‘पीएम सूर्य घर’ योजना से रीता बनाफर बनीं पर्यावरण प्रहरी, बिजली बिल में मिली बड़ी राहत
  • बिजली बिल में आई 50% तक की कटौती, 78 हजार की सरकारी सब्सिडी मिली
  • रीता ने कहा— "हर घर अपनाए सोलर, पर्यावरण बचेगा तभी भविष्य सुरक्षित रहेगा"

दुर्ग जिले की रीता बनाफर ने 'प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' के तहत अपने घर में सोलर पैनल लगाकर न सिर्फ अपने बिजली बिल में राहत पाई, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी अहम कदम उठाया। उनकी यह पहल स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की प्रेरणादायक मिसाल बन रही है।

दुर्ग | ग्राम धनोरा निवासी रीता बनाफर हमेशा से प्रकृति और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील रही हैं। जब उन्हें ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे एक अवसर के रूप में लिया और अपने घर की छत पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगवाने का निर्णय लिया।

1.82 लाख रुपये की कुल लागत में लगे इस सोलर सिस्टम के लिए उन्हें 78,000 रुपये की सब्सिडी भी प्राप्त हुई, जिससे यह तकनीक उनके लिए सुलभ हो सकी। आज उनके घर की बिजली आवश्यकताओं का लगभग आधा हिस्सा सोलर एनर्जी से पूरा हो रहा है, जिससे उन्हें हर महीने बिजली बिल में महत्वपूर्ण बचत मिल रही है।

रीता जी ने बताया कि इस महीने 2199 यूनिट बिजली की खपत हुई, जिसमें से आधी यूनिट सोलर पैनल द्वारा उत्पादित की गई। अब उन्हें आधे बिल का ही भुगतान करना पड़ता है।

रीता कहती हैं, "यह सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि पर्यावरण के प्रति मेरी प्रतिबद्धता की अभिव्यक्ति है। मैं खुश हूं कि मैं अपने घर से ही कार्बन उत्सर्जन कम कर पा रही हूं।"

उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योजना लाखों लोगों के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में एक ठोस कदम है। रीता बनाफर की यह कहानी हर गृहिणी, हर नागरिक के लिए प्रेरणास्रोत है, जो पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना चाहते हैं और साथ ही बिजली खर्च से राहत पाना चाहते हैं।