दुर्ग पुलिस ने शुरू किया साइबर जागरूकता रथ अभियान, लोगों को ठगी से बचाने का प्रयास
एसपी विजय अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, एटीएम क्लोनिंग से डिजिटल अरेस्ट तक मिलेंगी सतर्कता की जानकारी
दुर्ग मीडिया और डिजिटल दुनिया जितनी सुविधाजनक और आकर्षक है, उतनी ही खतरनाक भी साबित हो रही है। छोटी सी लापरवाही या बिना सोचे-समझे किया गया क्लिक लोगों को भारी नुकसान पहुंचा देता है। बढ़ते साइबर अपराधों से बचाने के लिए दुर्ग पुलिस ने अब साइबर जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इसी कड़ी में सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम से ‘साइबर जागरूकता रथ’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
दुर्ग। जिले में बढ़ते साइबर अपराधों पर रोकथाम और लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से दुर्ग पुलिस ने विशेष अभियान की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम से "साइबर जागरूकता रथ" को एसपी विजय अग्रवाल और अन्य अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस रथ के माध्यम से एटीएम क्लोनिंग, ओटीपी फ्रॉड, फेसबुक-इंस्टाग्राम हैकिंग, वाट्सएप ठगी, डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन बैंकिंग से जुड़े फर्जीवाड़े की जानकारी दी जाएगी। इसके जरिए लोगों को बताया जाएगा कि सोशल मीडिया और डिजिटल लेनदेन को किस तरह सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो सालों में डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन ठगी के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। ठग कभी मोबाइल खरीदने, तो कभी पुरस्कार जीतने या फिर बैंक खाता अपडेट करने के नाम पर लोगों से निजी जानकारी लेकर खाते से रकम उड़ा लेते हैं। अधिकतर मामलों में पीड़ितों को तब तक ठगी का एहसास नहीं होता जब तक कि उनका खाता खाली नहीं हो जाता।
लोगों को अधिक जानकारी देने के लिए इस रथ पर क्यूआर कोड भी उपलब्ध कराया गया है। इसे स्कैन कर कोई भी नागरिक साइबर अपराध से बचाव के उपायों और तत्काल उठाए जाने वाले कदमों की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकता है।
पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे अनजान व्यक्तियों के साथ कभी भी बैंक डिटेल, एटीएम पिन या ओटीपी साझा न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।