बिजली बिल में बढ़ोतरी और कटौती के खिलाफ गरजे कांग्रेसी, उतई व ननकट्टी में बिजली दफ्तर का घेराव

धरने पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ता, जलाए बिजली बिल की प्रतियां; भाजपा सरकार पर जनविरोधी नीति अपनाने का आरोप

बिजली बिल में बढ़ोतरी और कटौती के खिलाफ गरजे कांग्रेसी, उतई व ननकट्टी में बिजली दफ्तर का घेराव

छत्तीसगढ़ में बिजली बिलों की बढ़ती दरों और अघोषित बिजली कटौती से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को दुर्ग ग्रामीण और अहिवारा विधानसभा क्षेत्र में जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने उतई और ननकट्टी विद्युत वितरण केंद्रों का घेराव कर भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बिल की प्रतियां जलाकर विरोध जताया।

दुर्ग, 17 जुलाई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर गुरुवार को राज्यभर में बिजली संकट और महंगे बिल के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित किए गए। इसी क्रम में दुर्ग ग्रामीण और अहिवारा विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर के नेतृत्व में उतई और ननकट्टी बिजली दफ्तर का घेराव किया।

प्रदर्शनकारियों ने सरकार की बिजली नीतियों को जनविरोधी बताते हुए कार्यालय परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। इस दौरान जमकर नारेबाजी हुई — "बिजली बिल हाफ करो", "किसान विरोधी सरकार हटाओ" जैसे नारों से इलाका गूंज उठा।

जले बिजली बिल, सौंपा गया ज्ञापन
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बढ़े हुए बिजली बिलों की प्रतियां जलाकर विरोध प्रकट किया और बिजली दफ्तर में ज्ञापन सौंपा। राकेश ठाकुर ने कहा कि “राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण सरप्लस बिजली होने के बावजूद जनता को महंगे दर पर बिजली दी जा रही है, और बार-बार अघोषित कटौती से आमजन, व्यापारी और किसान त्रस्त हैं।”

चार बार बढ़ाई दरें, स्मार्ट मीटर बना बोझ
ठाकुर ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पिछले डेढ़ साल में चार बार बिजली की दरें बढ़ा चुकी है। कांग्रेस सरकार की "बिजली बिल हाफ" योजना को खत्म कर आमजन की जेब पर डाका डाला जा रहा है। स्मार्ट मीटर के नाम पर लोगों को लूटने का काम हो रहा है।

उन्होंने बताया कि पहले जहां 200-300 रुपए का बिल आता था, अब वहां 800 से 1000 रुपए तक का बिल भेजा जा रहा है। घरेलू उपभोक्ताओं पर 10-20 पैसे प्रति यूनिट, व्यवसायिक उपभोक्ताओं पर 25 पैसे और किसानों पर 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से दरें बढ़ाई गई हैं।

"सरप्लस बिजली के बावजूद लूट"
जिलाध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि "राज्य सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है। छत्तीसगढ़ जैसे बिजली उत्पादक राज्य में जनता को मंहगी बिजली क्यों दी जा रही है? आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद राज्य की अस्मिता की रक्षा में यह सरकार असफल रही है।"

सैकड़ों कार्यकर्ताओं की रही मौजूदगी
धरना प्रदर्शन में विक्रांत अग्रवाल, पुष्पा यादव, अशोक साहू, प्रदीप चंद्राकर, द्वारिका साहू, प्रहलाद वर्मा, दिवाकर गायकवाड़, राकेश साहू, भावेश साहू, टिकम ठाकुर, महेश कौशिक, सीमा चंद्राकर सहित सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, किसान और स्थानीय नागरिक शामिल रहे।