अब हर मतदान केंद्र पर सिर्फ 1200 मतदाता -चुनाव आयोग का बड़ा फैसला
भीड़भाड़ और आंकड़ों के विवाद पर लगेगी लगाम, राजनीतिक दलों की चिंता होगी दूर
चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए चुनाव आयोग ने एक बड़ा निर्णय लिया है। अब किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। यह फैसला राजनीतिक दलों की वर्षों पुरानी चिंता को दूर करेगा और मतदान प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित बनाएगा।
नई दिल्ली (ए)। चुनाव आयोग ने मतदान में पारदर्शिता और सुगमता लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब देश के किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे, जिससे लंबी कतारों और मतदान के समय में देरी की समस्या खत्म होगी। वर्तमान में एक केंद्र पर अधिकतम 1500 मतदाता पंजीकृत होते हैं।
यह फैसला मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में लिया गया है, जिन्होंने कार्यभार संभालने के बाद एक महीने के भीतर वर्षों से लंबित मुद्दों पर साहसिक निर्णय लेने शुरू कर दिए हैं। हाल ही में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड जैसे राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों ने मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में असमानता को लेकर सवाल उठाए थे। अब नए नियमों से आंकड़ों की विश्वसनीयता और भरोसेमंद चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित होगी।
राजनीतिक दलों से मांगे सुझाव, होगी व्यापक चर्चा
आयोग ने आगामी चुनाव सुधारों को लेकर 31 मार्च से पहले सर्वदलीय बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है। साथ ही 30 अप्रैल तक सभी राष्ट्रीय व राज्य दलों से सुझाव भी मांगे गए हैं। इसके तहत मतदान प्रक्रिया में सुधार को लेकर कानूनी ढांचे के तहत सुझावों पर अमल किया जाएगा।
25 वर्षों से लंबित डुप्लीकेट ईपीआईसी मुद्दे का भी समाधान तय
आयोग ने यह भी साफ किया है कि डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) का मुद्दा, जो पिछले ढाई दशक से लंबित था, उसे भी आगामी तीन माह में सुलझा लिया जाएगा। इसके अलावा बूथ एजेंट, मतदान एजेंट, मतगणना एजेंट और चुनाव एजेंटों को पहली बार उनकी भूमिका के अनुसार प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है।
आधार लिंकिंग और सभी नागरिकों के लिए मतदाता पहचान पत्र
चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि हर योग्य भारतीय नागरिक का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो, जिसके लिए आधार लिंकिंग को भी एक मजबूत कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह प्रक्रिया फर्जी नामों और दोहराव को समाप्त करने में मददगार साबित होगी।
अंतिम पंक्तियां — निष्पक्षता की ओर मजबूत कदम
आगामी 18 मार्च को होने वाली उच्चस्तरीय बैठक में गृह सचिव, प्रशासनिक अधिकारी और आयोग के वरिष्ठ सदस्य एक मंच पर जुटकर चुनाव प्रणाली को और बेहतर बनाने पर चर्चा करेंगे। यह पहल चुनावों की पारदर्शिता, विश्वसनीयता और मतदाता सुविधा की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है।
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