खास समाचार : छत्तीसगढ़ से शुरू हुई एआई क्रांति: गांवों को तकनीक से जोड़ भारत को सशक्त बना रहे समीर रंजन

विश्व प्रसिद्ध एआई विशेषज्ञ समीर रंजन की अगुआई में ‘सीएस भारतीय एआई लैब्स’ और ‘करियर सेंटर’ की पहल, ग्रामीण भारत में तकनीकी सशक्तिकरण और रोजगार निर्माण का नया अध्याय

भारत के गांव अब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की शक्ति से सशक्त होने जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त एआई विशेषज्ञ समीर रंजन ने छत्तीसगढ़ से ‘सीएस भारतीय एआई लैब्स और करियर सेंटर’ की शुरुआत की है। यह पहल ग्रामीण युवाओं को वैश्विक स्तर की तकनीकी शिक्षा और करियर अवसर प्रदान कर उन्हें भविष्य की तकनीकी क्रांति का हिस्सा बनाएगी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के गांव अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के नए केंद्र बनने जा रहे हैं। इस बदलाव की अगुवाई कर रहे हैं समीर रंजन — एक ऐसे भारतीय तकनीकी उद्यमी, जिन्होंने अमेरिका में एक दशक से अधिक समय तक वैश्विक स्तर पर एआई समाधान विकसित किए हैं। वे अब ‘सीएस भारतीय एआई लैब्स’ और ‘करियर सेंटर’ की स्थापना के ज़रिए गांवों में डिजिटल क्रांति लाने की दिशा में कार्यरत हैं। समीर रंजन, जो कैटेनेट कॉर्प के CTO और कॉग्निटिव स्प्रिंट्स, मायामाया, मेडिकोएड जैसे एआई प्लेटफॉर्म्स के निर्माता हैं, अब भारत के ग्रामीण युवाओं को एआई शिक्षा, उद्यमिता और वैश्विक रोजगार की दिशा में मार्गदर्शन दे रहे हैं।

दृष्टिकोण और कार्य योजना
इस पहल का उद्देश्य गांवों और टियर-3 शहरों में एआई शिक्षा और करियर अवसरों को सुलभ बनाना है। इसके तहत एआई साक्षरता, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, कंप्यूटर विज़न जैसे विषयों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे ग्रामीण युवा वैश्विक कंपनियों के लिए तैयार हो सकें।

प्रमुख विशेषताएं:

  • हाई-स्पीड इंटरनेट और 20 कंप्यूटर से युक्त एआई लैब
  • विशेषज्ञों के साथ लाइव वीडियो सत्र
  • पायथन, डेटा विजुअलाइजेशन, NLP, जनरेटिव AI आदि विषय
  • TensorFlow, Hugging Face, GitHub जैसे टूल्स का उपयोग
  • करियर निर्माण सहायता: रिज्यूमे, फ्रीलांसिंग, ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स तक पहुँच
  • ग्रामीण स्टार्टअप्स के लिए मेंटरशिप: एग्रो टेक, हेल्थ टेक, एजु टेक आदि

ग्रामीण समुदाय को लाभ:

  • कृषि: एआई आधारित उपज अनुमान, सिंचाई योजना, कीट पहचान
  • स्वास्थ्य: मोबाइल उपकरणों से रोगों की प्रारंभिक पहचान
  • शिक्षा: बच्चों के लिए व्यक्तिगत शिक्षण ऐप
  • रोजगार: AI फ्रीलांसिंग, सूक्ष्म स्टार्टअप, माइक्रो SaaS मॉडल
  • डिजिटल समावेशन: मोबाइल फर्स्ट लर्निंग, ई-गवर्नेंस सुलभता

रोलआउट योजना:

  • वर्ष 1: 10 जिलों में 25 केंद्र, 5,000+ छात्रों पर असर
  • वर्ष 2: 50 केंद्र, आदिवासी वंचित इलाकों में विस्तार
  • वर्ष 3: 100+ केंद्र, पूरे राज्य में विस्तार

स्थिरता और भागीदारी:
स्थानीय पंचायतों, कॉलेजों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर कार्य किया जाएगा। वित्तपोषण भारतीय एआई फेलोशिप और सीएसआर माध्यमों से होगा, साथ ही प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित कर स्थानीय स्वामित्व विकसित किया जाएगा।

समीर रंजन का संदेश:

"मैंने विश्व के लिए एआई बनाया है, अब मैं भारत के अंतिम गांव तक इसकी शक्ति पहुंचाना चाहता हूँ — ताकि हर छात्र निडर होकर बड़े सपने देख सके, उन्हें साकार कर सके। यह मेरी भारत के लिए वापसी है।"