गुरु पूर्णिमा पर निकुम में हरियाली को समर्पित श्रद्धा: माँ और गुरु के नाम रोपे पौधे
150 पौधे बांटे गए, हर पौधा रिश्तों की गहराई और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बना

गुरु पूर्णिमा पर ग्राम निकुम ने श्रद्धा और संवेदना को हरियाली से जोड़ा। एक पेड़ माँ और गुरुओं के नाम लगाने की इस अनूठी पहल में न केवल पर्यावरण बचाने का संदेश था, बल्कि रिश्तों को नमन करने का एक भावपूर्ण तरीका भी दिखा।
दुर्ग। दुर्ग जिले के ग्राम निकुम में इस वर्ष की गुरु पूर्णिमा (10 जुलाई) को श्रद्धा और प्रकृति का एक सुंदर संगम देखने को मिला। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत 150 फलदार और छायादार पौधे ग्रामवासियों को निःशुल्क वितरित किए गए। इनमें कटहल, बादाम, नींबू, आँवला और जामुन जैसे उपयोगी पौधे शामिल थे। प्रत्येक पौधे को माँ, पिता और गुरु के सम्मान में रोपने का भाव जोड़ा गया, जिससे यह कार्यक्रम केवल एक पौधरोपण नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और भावनात्मक आंदोलन बन गया।
ग्राम सरपंच भागवत राम पटेल ने कहा, "गुरु पूर्णिमा जैसे अवसर पर वृक्षारोपण के माध्यम से हम अपने जीवन के मूल स्तंभों – माता, पिता और गुरु – को सम्मान दे सकते हैं। इससे पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा और गांव की भावी पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी।" उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ और सुंदर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक छोटा लेकिन सार्थक प्रयास है। गांववासियों ने संकल्प लिया कि वे इन पौधों की देखभाल संतान की तरह करेंगे, और आने वाले वर्षों में निकुम को हरा-भरा और प्रदूषणमुक्त बनाएंगे।