झोपड़ी से वर्ल्ड कप तक: छत्तीसगढ़ की संजू यादव बनीं ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट

बांग्लादेश में कबड्डी वर्ल्ड कप फाइनल में चीन को हराया; कोरबा की बेटी ने देश और प्रदेश का सिर गर्व से ऊंचा किया

बांग्लादेश में आयोजित कबड्डी वर्ल्ड कप में भारतीय महिला टीम ने इतिहास रचते हुए फाइनल में चीन को मात देकर खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत में छत्तीसगढ़ की संजू यादव का प्रदर्शन सबसे चमकदार रहा, जिन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुना गया। कारेकसार की इस युवा खिलाड़ी ने झोपड़ी से वर्ल्ड कप के मंच तक पहुंचकर प्रदेश का मान बढ़ा दिया।

कोरबा। देश की बेटियां खेल के मैदान में लगातार नई इबारत लिख रही हैं और भारत का परचम विश्वभर में ऊंचा कर रही हैं। हाल ही में बांग्लादेश में संपन्न हुए कबड्डी वर्ल्ड कप में भारतीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल मुकाबले में चीन को हराकर खिताब पर कब्जा जमाया। इस जीत ने पूरे देश को गौरवान्वित किया, वहीं छत्तीसगढ़ में खुशी का माहौल और भी खास रहा, क्योंकि टीम का एक महत्वपूर्ण चेहरा प्रदेश की बेटी संजू देवी यादव रहीं।

कोरबा के पास स्थित छोटे से कस्बे कारेकसार की रहने वाली संजू ने अपने संघर्ष और अनुशासन के दम पर वह मुकाम हासिल किया है, जिसकी कल्पना कई खिलाड़ी करते हैं। देहाड़ी मजदूर माता-पिता की संजू ने बेहद कठिन परिस्थितियों के बीच अपने खेल को निखारा और वर्ल्ड कप में अपने प्रदर्शन से ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का सम्मान अर्जित किया। उनकी यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के खेल इतिहास में स्वर्णिम अध्याय जोड़ती है।

वर्ल्ड कप जीतकर भारत लौटने के बाद संजू यादव शुक्रवार को दुर्ग सांसद एवं छत्तीसगढ़ कबड्डी संघ के संरक्षक विजय बघेल के निवास पहुंचीं। सांसद बघेल ने उनका पुष्पगुच्छ से स्वागत करते हुए कहा कि कबड्डी मिट्टी का खेल है और इसे आगे बढ़ाने वाले अक्सर ग्रामीण और साधारण परिवारों से होते हैं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं और उनके भाई शशिकांत बघेल राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी खेल चुके हैं, इसलिए वे संजू की उपलब्धि के महत्व को बखूबी समझते हैं।

इस दौरान संजू यादव ने आईबीसी24 से बातचीत में वर्ल्ड कप के अनुभव, अपनी चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि यह जीत केवल उनकी नहीं, बल्कि पूरे देश और छत्तीसगढ़ की बेटियों की जीत है।