दुर्ग के 70 सरकारी स्कूल होंगे स्मार्ट, बनेगी 500 सीटर सेंट्रल लाइब्रेरी

दुर्ग के 70 सरकारी स्कूल होंगे स्मार्ट, बनेगी 500 सीटर सेंट्रल लाइब्रेरी

21 स्कूलों को पहले चरण में मंजूरी, नालंदा परिसर में प्रतियोगी विद्यार्थियों के लिए 500 सीटों की लाइब्रेरी; आईटी पार्क, सड़क चौड़ीकरण और खेल सुविधाओं में भी बड़ा निवेश

दुर्ग जिले में शिक्षा, तकनीक और नगरीय विकास से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिलते ही शहर के विकास की रफ्तार तेज हो गई है। भाजपा सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर स्कूल-शिक्षा मंत्री ने जिले में स्मार्ट स्कूल, सेंट्रल लाइब्रेरी और आईटी पार्क समेत कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी साझा की।

दुर्ग जिले में शिक्षा के क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए सरकार 70 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों के रूप में विकसित करने जा रही है। इनमें से 21 स्कूलों को पहले चरण में स्वीकृति दी जा चुकी है। मंत्री ने बताया कि आधुनिक तकनीक, डिजिटल क्लासरूम और उन्नत शिक्षण-सुविधाओं से लैस ये स्कूल जिले की शिक्षा गुणवत्ता को नई पहचान देंगे।

इसके साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए नालंदा परिसर में 1142.28 लाख रुपए की लागत से 500 सीटों वाला सेंट्रल लाइब्रेरी स्थापित किया जाएगा। यह लाइब्रेरी शहर का सबसे बड़ा अध्ययन केंद्र होगा, जहां विद्यार्थियों को शांत और तकनीकी रूप से सक्षम वातावरण मिलेगा।

मंत्री ने बताया कि दुर्ग में संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रक्रिया भी आगे बढ़ रही है। सरकार का मानना है कि यह संस्थान कला, संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में नए अवसर पैदा करेगा।

आईटी हब के रूप में दुर्ग को विकसित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। आईआईटी भिलाई और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच आईटी पार्क निर्माण के लिए एमओयू साइन किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना युवाओं के लिए रोजगार और स्टार्टअप के नए अवसर खोलेगी और शहर को तकनीकी विकास के केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।

शहर में बढ़ते ट्रैफिक भार को कम करने के लिए सड़क चौड़ीकरण और शहरी मार्गों के विकास के लिए 1 अरब 5 करोड़ 76 लाख रूपए की स्वीकृति भी दी गई है। इसमें चंडी मंदिर रोड, जेल तिराहा–मिनी माता चौक, महाराजा चौक–बोरसी चौक और स्टेशन रोड के प्रमुख हिस्सों को फोरलेन किया जाएगा।

खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए भी कई प्रोजेक्ट पूरे होने के करीब हैं। रविशंकर स्टेडियम के पास 144.68 लाख रुपए की लागत से शहर का पहला आधुनिक इंडोर बैडमिंटन कोर्ट तैयार किया गया है। स्विमिंग पूल निर्माण अंतिम चरण में है, जबकि उरला में मिनी स्टेडियम का कार्य भी तेजी से चल रहा है। BCCI द्वारा रविशंकर स्टेडियम को उन्नत बनाने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे दुर्ग एक प्रमुख खेल हब के रूप में विकसित होगा।

नगरीय विकास कार्यों में भी भारी निवेश हो रहा है। शहर में 1100 से अधिक बिजली पोल, हाई-मास्ट लाइटें, ट्रांसफॉर्मर स्थापना, RO मशीनें और 42 MLD फिल्टर प्लांट अपग्रेडेशन जैसे कार्य जारी हैं। अमृत मिशन के तहत 188.73 करोड़ की परियोजनाएं लागू की जा रही हैं।

सड़कों और नालियों के निर्माण को भी गति मिली है। 116 से अधिक स्थानों पर सीसी रोड और नालियां बन रही हैं। 31.06 करोड़ रुपए की स्वीकृति विभिन्न वार्डों में सड़क और नाली निर्माण के लिए दी गई है, जबकि सिकोला नाला के लिए 975.56 लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं।

सरकार का दावा है कि इन योजनाओं के पूरा होने से दुर्ग जिले का शिक्षा, खेल, तकनीक और बुनियादी ढांचा विकास नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।