देशभर में दौड़ेंगी 10 हजार ई-बसें, कस्बों और उपनगरों को भी मिलेगा लाभ, चार्जिंग नेटवर्क होगा मजबूत

पीएम ई-बस सेवा के दायरे में अब छोटे शहर और टाउन एरिया भी शामिल, केंद्र सरकार ने योजना में बदलाव कर दी मंजूरी

देशभर में दौड़ेंगी 10 हजार ई-बसें, कस्बों और उपनगरों को भी मिलेगा लाभ, चार्जिंग नेटवर्क होगा मजबूत

प्रधानमंत्री ई-बस योजना के तहत अब न केवल प्रमुख शहर बल्कि उनके आसपास बसे छोटे कस्बे और उपनगर भी लाभान्वित होंगे। केंद्र सरकार ने योजना की गाइडलाइन में बदलाव करते हुए इन क्षेत्रों को भी पात्रता सूची में शामिल कर लिया है। इसके साथ ही चार्जिंग स्टेशन और बस डिपो के विस्तार पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है।

नई दिल्ली (ए)। शहरी परिवहन को हरित और टिकाऊ बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत अब देश के छोटे कस्बे और शहरों के उपनगर भी इलेक्ट्रिक बस सुविधा से लाभान्वित होंगे। केंद्र सरकार ने राज्यों और शहरों की मांग पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए योजना की गाइडलाइन में संशोधन कर दिया है।

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार, अब शहर की परिभाषा में आने वाले वैधानिक कस्बे और टाउन एरिया भी इस योजना के दायरे में आ गए हैं। कई शहरों की यह मांग थी कि उनके आसपास के क्षेत्र, जिन्हें कानूनी रूप से टाउन एरिया घोषित किया गया है, उन्हें भी योजना में शामिल किया जाए।

प्रधानमंत्री ई-बस योजना के अंतर्गत 3 लाख से 40 लाख की जनसंख्या वाले 169 शहरों में कुल 10,000 ई-बसें चलाई जानी हैं। अब तक 98 शहरों के लिए 7,293 ई-बसों को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके साथ ही सरकार बस डिपो के निर्माण और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में भी आर्थिक सहायता दे रही है, जिससे भविष्य में ई-मोबिलिटी को और बल मिलेगा।

योजना से संबंधित संचालन समिति की हालिया बैठक में आंध्र प्रदेश के 11 और कर्नाटक के 10 शहरों की मांग को स्वीकृति दी गई है। इसके अतिरिक्त गुजरात के जूनागढ़ में 50 और मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 100 बसों के संचालन की भी मंजूरी प्रदान कर दी गई है।

यह कदम देश के सार्वजनिक परिवहन को प्रदूषण रहित और स्मार्ट बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।