नवीन श्रम संहिता के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल, भिलाई इस्पात संयंत्र में प्रदर्शन तेज
ट्रेड यूनियनों और किसानों का एकजुट विरोध, कर्मचारियों पर संयंत्र प्रबंधन की कड़ी निगरानी
देशभर में केंद्र सरकार की नई श्रम संहिता के खिलाफ ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने आज हड़ताल शुरू कर दी है। भिलाई इस्पात संयंत्र में कर्मचारी और ठेका श्रमिक प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं प्रबंधन सख्त रुख अपनाते हुए सीसीटीवी और वीडियो निगरानी के जरिए कर्मचारियों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।
भिलाई। केंद्र सरकार की चार नई श्रम संहिताओं के खिलाफ देशभर में ट्रेड यूनियनों और किसानों ने आज जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। यह हड़ताल केंद्रीय श्रमिक यूनियनों के आह्वान पर की जा रही है। भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) में कर्मचारी और ठेका मजदूर हड़ताल में शामिल हैं। संयंत्र के भीतर बीएमएस, इंटक, सीटू, लोईमु, एटक, एक्टू जैसे संगठनों के कार्यकर्ता एकजुट होकर आवाज बुलंद कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी यूनियन नेताओं का कहना है कि कोरोना काल का लाभ उठाकर सरकार ने पुराने 44 श्रम कानूनों में से 29 को समाप्त कर चार नई श्रम संहिताएं लागू कर दी हैं। इन नए कानूनों से कर्मचारियों को 8 की बजाय 12 घंटे ड्यूटी, महिलाओं को नाइट शिफ्ट, और EPF में कटौती जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर यूनियनें विरोध कर रही हैं और आज 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल की जा रही है। भिलाई में सुबह से ही कर्मचारी रेनकोट पहनकर संगठन के झंडे और नारों के साथ सड़कों पर उतर आए। बारिश भी उनकी आवाज़ को दबा नहीं सकी।
वहीं दूसरी ओर भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने भी हड़ताल रोकने के लिए सख्त रवैया अपनाया है। संयंत्र के मुख्य गेटों पर CCTV कैमरों से निगरानी की जा रही है। प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि पिछली हड़ताल में जिन कर्मचारियों ने भाग लिया था, उनके प्रमोशन रोके गए थे और इस बार भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। हर गतिविधि की वीडियो और फोटोग्राफी की जा रही है। संयंत्र में कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच तनाव का माहौल है। जहां एक ओर यूनियनें मजदूर हितों की रक्षा का दावा कर रही हैं, वहीं प्रबंधन संयंत्र की कार्यप्रणाली बनाए रखने पर जोर दे रहा है।