बिलासपुर प्रशासन ने उखाड़ा टेंट तो छतरी लेकर किया प्रदर्शन, नगरीय निकाय के कर्मचारियों की 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल

बिलासपुर. बिलासपुर में छत्तीसगढ़ अधिकारी कल्याण संघ के बैनर तले नगरीय निकाय के अधिकारी-कर्मचारियों ने छह सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के पहले ही दिन प्रशासन ने उनका पंडाल तोड़ दिया। जिससे नाराज कर्मचारी छाता लेकर धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए। उनकी मांगों का कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने समर्थन किया है। उन्होंने भी पंडाल तोड़ने को दमनकारी नीति बताकर विरोध जताया। दरअसल, नगरीय निकाय के कर्मचारी अपनी लंबित समस्या को लेकर परेशान हैं।
कई बार नगरीय प्रशासन विभाग से अपनी समस्याएं बताने के बाद भी उनकी दिक्कतों को दूर नहीं किया गया और न ही मांगों को पूरा किया गया। जिस पर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने बुधवार से तीन दिवसीय हड़ताल करने का ऐलान किया। जिसके बाद बुधवार की सुबह कर्मचारी विकास भवन के पास पंडाल लगाकर धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए। इस दौरान प्रशासन की टीम ने उनका पंडाल उखाड़ दिया।
प्रशासन की ओर से पंडाल उखाड़ने के बाद भी कर्मचारी धरना-प्रदर्शन पर अड़े रहे। चिलचिलाती धूप की वजह से धरने पर बैठे कर्मचारियों को छांव नहीं मिल रहा था। लिहाजा, कर्मचारी छतरी लेकर धरना-प्रदर्शन सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहे। अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने इस आंदोलन का समर्थन किया है। फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा, संभाग प्रभारी जीआर चंद्रा एवं प्रदेश संगठन मंत्री रोहित तिवारी ने बताया कि फेडरेशन द्वारा तीन दिवसीय आंदोलनरत कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा नियमानुसार तीन दिवस के लिए छाया और बैठक व्यवस्था आदि की अनुमति निर्धारित प्रारूप में 21 दिन पूर्व प्रस्तुत किया गया था।
लेकिन किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दिए जाने पर उनके द्वारा छाया और बैठक व्यवस्था किया गया था, जिसे जिला प्रशासन द्वारा दमनात्मक कार्रवाई करते हुए उखाड़े जाने का विरोध करते हुए फेडरेशन मांग करता है कि ऐसी दमनात्मक कार्रवाई का पुनरावृत्ति न किया जाए।