महालक्ष्मी गौरा-गौरी की प्रतिमाओं की विधिवत स्थापना, भक्तों ने की पूजा-अर्चना

महाराष्ट्रीयन परिवारों ने परंपरा और आस्था के साथ सजाए घर, छप्पन भोग और पूरनपोली का लगाया महाप्रसाद

महालक्ष्मी गौरा-गौरी की प्रतिमाओं की विधिवत स्थापना, भक्तों ने की पूजा-अर्चना

भिलाई-दुर्ग ट्विनसिटी में रविवार को धार्मिक उत्साह और भक्ति भाव के साथ मां महालक्ष्मी गौरा-गौरी की प्रतिमाओं की स्थापना कर पूजन-अर्चन किया गया। परंपरा अनुसार घर-घर में देवी का स्वागत बेटी की तरह किया गया और परिवारजनों ने विशेष प्रसाद अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की।

भिलाई-दुर्ग। ट्विनसिटी के विभिन्न सेक्टरों में रविवार को महाराष्ट्रीयन समाज के परिवारों ने मां महालक्ष्मी गौरा-गौरी की प्रतिमा स्थापित कर श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने अपने घरों को आकर्षक ढंग से सजाया और परंपरा अनुसार देवी का स्वागत बेटी की तरह किया। इस अवसर पर धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान किए गए।

प्रशांत कुमार क्षीरसागर ने बताया कि यह पर्व महाराष्ट्रीयन परिवारों के लिए प्रमुख त्यौहारों में से एक है। अष्टमी के दिन देवी महालक्ष्मी को छप्पन भोग लगाया जाता है, जिसमें सोलह प्रकार की सब्जियां, ज्वार के आटे की आंबील और पूरनपोली प्रमुख प्रसाद के रूप में अर्पित किए जाते हैं।

प्रतिमा गोंदे, नीता गोंदे और रजनी गोंदे ने बताया कि यह पर्व केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पारिवारिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। इस दिन महिलाएं घर में 16 प्रकार की सब्जियां, पारंपरिक व्यंजन, मिठाई और चटनी तैयार कर सभी परिजनों व मित्रों के साथ प्रसाद बांटती हैं।

पूजा-अर्चना के दौरान "श्री महालक्ष्मी जी की जय, जय महा गौरी माता की जय" के जयघोष गूंजते रहे। इस अवसर पर प्रतिमा गोंदे, वनिता गोंदे, रजनी गोंदे, भरत गोंदे, नरेश गोंदे, प्रशांत कुमार, उषा क्षीरसागर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।