हाऊसिंग बोर्ड कालोनी के 724 आवासों का होगा पुनर्निर्माण, मिलेगा मालिकाना हक़
लगभग 3 हजार परिवारों को हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से घर बना कर दिए जाएंगे

भिलाई-छत्तीसगढ़ विधानसभा के द्वितीय सत्र में आज वैशाली नगर क्षेत्र की वर्षों से लंबित और अटकी हुई हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के संबंध में मांग को उठाते हुए विधायक रिकेश सेन ने सदन का ध्यानाकर्षण कराते हुए कहा कि यहां के रहवासियों ने 20-25 साल हाउसिंग बोर्ड को किराया दिया है जो कि मकान निर्माण लागत का 3 गुना से भी अधिक है। कई धरना, भूख हड़ताल के बाद भी इच्छाशक्ति के अभाव में यहां रह रहे लगभग 3 हजार लोगों की समस्या का समाधान नहीं हुआ। 1965 से 1975 के बीच तीन और दो मंजिला बिल्डिंग के माध्यम से निजी उद्योग कर्मचारियों के लिए हाऊसिंग बोर्ड द्वारा डीआईसी की जमीन पर ये 724 क्वार्टर बनाए गए थे। जिसका मेंटेनेंस भी हाऊसिंग बोर्ड को करना था, बदले में 30 रूपये प्रति माह हर घर से किराया तथा हर वर्ष 60 रूपये जल कर लिया जाता था।
एक बिल्डिंग की निर्माण लागत 96000 तथा प्रति घर लागत 4000 थी। जिसके लिए 25 वर्षों तक किराया के रूप में हर श्रमिक से लगभग पौने 2 लाख किराया लिया गया। 724 आवास में से 12000 रूपये और लेकर 19 लोगों की रजिस्ट्री की गयी। 131 लोगों ने रजिस्ट्री के लिए रूपये वर्ष 2000 से 2003 तक दिए लेकिन उनकी रजिस्ट्री नहीं हुई।
2003 में जब हाउसिंग बोर्ड ने किराया 30 रूपये से अचानक 300 कर दिया और मेंटेनेंस बंद कर दिया तो यहां के लोगों ने किराया देना बंद कर दिया। 2007 में निगम ने बिल्डिंगों को कंडम घोषित कर दिया.जिसके 16 साल बाद भी लगभग 3 हजार लोग इन आवासों में रह रहे हैं चूंकि इन्होंने वर्षों किराए के रूप में निर्माण लागत का कई गुना अधिक पैसा दिया है,अतः इन आवासों का पुनर्निर्माण कर इनमें रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिया जाएगा। वैशाली नगर विधानसभा के लगभग 3 हजार परिवारों को हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से घर बना कर दिए जाएंगे,