2000 के नोट से जुड़ी याचिका को RBI ने खारिज:बीजेपी नेता अश्विनी ने बिना पहचान प्रमाण के ₹2000 के नोट बदलने की अनुमति को चुनौती दी थी

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के 2000 के नोटों को चलन से वापस लेने से जुड़ी जनहित याचिका को खारिज कर दिया। याचिका में बिना किसी पहचान प्रमाण के ₹2000 के नोट बदलने की अनुमति को चुनौती दी गई थी। याचिका बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने दायर की थी।
मंगलवार यानी 23 मई को कोर्ट ने इस पर सुनवाई कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जे सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। 2000 के नोट को लेकर एक और जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि RBI के पास 2000 के नोट को सर्कुलेशन से वापस लेने का सर्कुलर जारी करने का अधिकार नहीं है।
RBI ने 19 मई को 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान किया था। इसके तीन बाद यानी 23 मई से देशभर के बैंकों में इस नोट को बदलने की प्रोसेस शुरू हो गई। लोग बैंकों में अपने नोट बदलने के लिए पहुंच रहे हैं। RBI ने 30 सितंबर तक 2000 के नोट बदलने या अकाउंट में जमा कराने को कहा है।
रिजर्व बैंक ने अपने सर्कुलर में कहा है कि वो 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। RBI ने बताया था कि 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत रिजर्व बैंक ने यह फैसला किया है। लोग किसी भी बैंक में एक बार में 10 नोट बदलवा सकते हैं, जबकि डिपॉजिट की कोई लिमिट नहीं है।
2016 में मार्केट में आया था 2000 का नोट
2 हजार का नोट नवंबर 2016 में मार्केट में आया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे। इसकी जगह नए पैटर्न में 500 का नया नोट और 2000 का नोट जारी किया गया था। जब पर्याप्त मात्रा में दूसरे डिनॉमिनेशन के नोट उपलब्ध हो गए तो 2018-19 में 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी।