500 करोड़ के DMF घोटाले पर CBI जांच शुरू: खनिज विभाग ने मांगी रिपोर्ट

500 करोड़ के DMF घोटाले पर CBI जांच शुरू: खनिज विभाग ने मांगी रिपोर्ट

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की पीएम और CBI में शिकायत के बाद खनिज विभाग ने बिलासपुर संभाग आयुक्त को विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए

छत्तीसगढ़ में लगभग 500 करोड़ रुपए के डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (DMF) फंड में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के आरोपों के बाद अब इस मामले की जांच CBI करेगी। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत के आधार पर खनिज विभाग ने बिलासपुर संभाग आयुक्त को विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर भेजने के आदेश जारी किए हैं।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगभग 500 करोड़ रुपए के DMF (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) घोटाले ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। भारी अनियमितताओं के आरोपों के बाद अब यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जांच के दायरे में पहुंच गया है। खनिज विभाग के निदेशक रजत बंसल ने बिलासपुर संभाग आयुक्त को पत्र लिखकर मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट जल्द तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

यह कार्रवाई उस शिकायत के बाद की गई है, जो पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने प्रधानमंत्री कार्यालय और CBI में दर्ज कराई थी। कंवर ने आरोप लगाया है कि DMF के मूल उद्देश्यों—स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, पर्यावरण संरक्षण, आजीविका संवर्धन और खनन प्रभावित क्षेत्रों के बुनियादी विकास—से हटकर सैकड़ों करोड़ के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई।

कंवर का दावा है कि कई जिलों, खासकर कोरबा में, ऐसे कामों को DMF से स्वीकृति मिली, जो न तो प्राथमिकता वर्ग में थे और न ही खनन प्रभावित समुदायों की वास्तविक जरूरतों पर आधारित। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अनुमोदन प्रक्रिया में निर्धारित नियमों की अनदेखी की गई और कई परियोजनाओं को विवेकाधीन आधार पर मंजूरी दी गई।

निदेशक रजत बंसल द्वारा 12 नवंबर को किए गए पत्राचार में व्यापक प्रक्रियागत उल्लंघन, मनमाने अनुमोदन, वित्तीय दुरुपयोग और प्राथमिकताओं की अवहेलना जैसे आरोपों की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। यह पत्र दैनिक भास्कर के पास भी मौजूद है।

CBI ने राज्य सरकार से बड़े पैमाने पर दस्तावेज मांगे हैं, जिनमें अनुमोदन फाइलें, तकनीकी स्वीकृतियां, वित्तीय उपयोग विवरण, परियोजना प्रगति रिपोर्ट और लाभार्थी मूल्यांकन के रिकॉर्ड शामिल हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि केंद्रीय एजेंसी इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान और संभावित वित्तीय अनियमितताओं की कड़ी जांच करने जा रही है।

पूर्व गृहमंत्री कंवर का कहना है कि DMF में पारदर्शिता की कमी और मनमानी के चलते भ्रष्टाचार की गुंजाइश बढ़ी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनकी पिछली शिकायतों—पीएससी परीक्षा विवाद, शराब नीति, कोयला परिवहन और जल जीवन मिशन—पर भी केंद्र सरकार ने त्वरित संज्ञान लिया था।

राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि CBI द्वारा मांगे गए दस्तावेजों से साफ है कि जांच गहन और बहुस्तरीय होगी। सभी साक्ष्यों और फाइलों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई तय की जाएगी।

इस बीच, विभागीय स्तर पर जांच आदेश जारी होने से जिलों में हलचल तेज हो गई है।