किशोरी का अमृत सरोवर: खेती, मछलीपालन और खुशहाली का नया आधार

20 साल पुराने तालाब का कायाकल्प, सिंचाई से खेत लहलहाए और महिला समूह को मिला आजीविका का सहारा

किशोरी का अमृत सरोवर: खेती, मछलीपालन और खुशहाली का नया आधार

कोरिया जिले के सोनहत जनपद के ग्राम किशोरी में मिशन अमृत सरोवर के तहत पुनर्जीवित हुआ 20 साल पुराना तालाब अब ग्रामीणों के जीवन में बदलाव की नई कहानी लिख रहा है। कभी उपेक्षा के कारण सूखा पड़ा यह तालाब आज खेती-किसानी, मछलीपालन और ग्रामीण आजीविका का अहम आधार बनकर खुशहाली का प्रतीक बन गया है।

रायपुर। कोरिया जिले के सोनहत ब्लॉक के ग्राम किशोरी में अमृत सरोवर योजना के तहत नवीनीकृत हुआ तालाब अब गांव की अर्थव्यवस्था और जीवनशैली को बदल रहा है। यह सरोवर ग्रामीणों के लिए न सिर्फ पानी का स्रोत है, बल्कि खेती-बाड़ी और मछलीपालन से आय का जरिया भी बन गया है।

तालाब का कायाकल्प

करीब 20 साल पहले बना तालाब लंबे समय तक अनुपयोगी पड़ा रहा। ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर वर्ष 2022-23 में इसे मिशन अमृत सरोवर के तहत पुनर्जीवित किया गया। 10 लाख रुपये की लागत से हुए जीर्णोद्धार ने तालाब की जलधारण क्षमता को बढ़ाकर 10 हजार घनमीटर कर दिया। अब इसमें सालभर पानी उपलब्ध रहने लगा है।

खेतों तक पहुंचा जीवनदायी जल

तालाब से आसपास के किसानों को सीधा फायदा मिला है। मनोज रक्सेल और अरविन्द सिंह की तीन-तीन एकड़ जमीन, वहीं सुरेन्द्र, लक्ष्मण, वीरेन्द्र और आनंद की दो-दो एकड़ से अधिक भूमि सिंचित हो रही है। किसान बताते हैं कि अब वे खरीफ के साथ-साथ रबी की फसलें भी लेने लगे हैं। इससे आमदनी दोगुनी हो रही है और खेती लाभ का सौदा साबित हो रही है।

महिलाओं को मिला रोजगार

ग्राम पंचायत ने तालाब को जय मां महिला स्व-सहायता समूह को लीज पर दिया है। समूह की महिलाओं ने बीते ग्रीष्मकाल में तालाब से मछलीपालन कर 75 हजार रुपये की कमाई की। समूह की अध्यक्ष सोनकुंवर और सचिव जीराबाई बताती हैं कि इस वर्ष लगभग तीन लाख रुपये का उत्पादन होने की उम्मीद है। इससे महिलाओं को अतिरिक्त आय के साथ आत्मनिर्भरता भी मिली है।

खुशहाली का प्रतीक

किशोरी का यह अमृत सरोवर अब केवल जल संरक्षण का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह किसानों की समृद्धि, महिलाओं की आजीविका और ग्रामीणों की स्थायी खुशहाली का प्रतीक बन चुका है। गांव के लोग मानते हैं कि सरोवर ने उनकी जिंदगी को नई दिशा दी है।