"दुर्ग पुलिस की डिजिटल ढाल: 250 साइबर वॉरियर्स बने जागरूकता के प्रहरी"

"CALL OF THE CREATORS" अभियान के तहत सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को जोड़ा गया साइबर सुरक्षा जनजागरूकता मिशन से; छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए कंटेंट क्रिएटर्स निभाएंगे जागरूकता दूत की भूमिका

साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौतियों के बीच दुर्ग पुलिस ने तकनीक और जनसमुदाय के बीच की खाई को पाटने की एक अभिनव पहल की है। “CALL OF THE CREATORS” नामक इस अभियान में 250 डिजिटल क्रिएटर्स को 'साइबर वॉरियर' के रूप में नामित किया गया है, जो सोशल मीडिया के जरिए आम नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करेंगे। यह कार्यक्रम महात्मा गांधी कला मंदिर, सिविक सेंटर में आयोजित हुआ।

दुर्ग। साइबर अपराधों की रोकथाम और डिजिटल सुरक्षा के प्रति जनजागरूकता फैलाने के लिए दुर्ग पुलिस ने “CALL OF THE CREATORS” नामक एक अभिनव कार्यक्रम की शुरुआत की। महात्मा गांधी कला मंदिर में आयोजित इस आयोजन में प्रदेशभर के 250 सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स और डिजिटल इंफ्लुएंसर्स को 'साइबर वॉरियर्स' के रूप में नामांकित किया गया। ये वॉरियर्स आने वाले दिनों में अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर साइबर सुरक्षा से जुड़े संदेश प्रसारित करेंगे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज श्री रामगोपाल गर्ग ने कहा, “साइबर अपराध के विरुद्ध सबसे कारगर हथियार है जनजागरूकता। जब नागरिक सतर्क होंगे, तभी अपराधी अपने मंसूबों में असफल होंगे। क्रिएटर्स की यह भूमिका समाज में चेतना फैलाने में निर्णायक होगी।”

पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री विजय अग्रवाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह अभियान तकनीकी जागरूकता और सामाजिक सहभागिता के बीच सेतु का कार्य करेगा। “डिजिटल जागरूकता ही साइबर सुरक्षा की पहली शर्त है,” उन्होंने कहा।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मेघगंगा ग्रुप और डिजाइनों टीम ने अहम भूमिका निभाई। मेघगंगा ग्रुप के डायरेक्टर श्री मनीष परख और डिजाइनों टीम के श्री अजय रात्रे अपने पूरे दल के साथ आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल रहे।

इस मौके पर पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी — एएसपी श्री सुखनंदन राठौर, डीएसपी श्री चंद्र प्रकाश तिवारी, रक्षित निरीक्षक श्री नीलकंठ वर्मा और उप निरीक्षक डॉ. संकल्प राय ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

दुर्ग पुलिस की यह पहल न केवल साइबर अपराध के विरुद्ध एक सशक्त कदम है, बल्कि तकनीक को जनहित के लिए उपयोगी बनाने का अनुकरणीय उदाहरण भी है।