शराब घोटाले की कड़ियों ने चैतन्य बघेल को पहुंचाया सलाखों के पीछे
ईडी को 16.7 करोड़ के लेन-देन के मिले पुख्ता सबूत, पप्पू बंसल और केके श्रीवास्तव के बयानों ने खोले कई राज

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी शराब घोटाले की परतें खुलने के बाद हुई है। ईडी ने चैतन्य पर 16.7 करोड़ रुपए की अवैध कमाई का आरोप लगाया है, जिसके पीछे दुर्ग के सराफा कारोबारी, तांत्रिक और शराब सिंडिकेट से जुड़ी लेन-देन की कड़ियां सामने आई हैं।
भिलाई। शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल को ठोस साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार, भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले कारोबारी लक्ष्मीनारायण उर्फ पप्पू बंसल और तांत्रिक केके श्रीवास्तव ने एजेंसी के सामने बयान दिए हैं। पप्पू बंसल ने माना है कि उन्होंने तीन महीनों में करीब 136 करोड़ रुपए शराब सिंडिकेट से प्राप्त किए और इनमें से 1000 करोड़ रुपए चैतन्य बघेल के साथ मिलकर हैंडल किए।
ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, अनवर ढेबर के जरिए यह पैसा दुर्ग भेजा गया, जिसे होटल मैनेजर दीपेंद्र चावड़ा के माध्यम से आगे बढ़ाया गया। यह रकम रामगोपाल अग्रवाल और केके श्रीवास्तव तक पहुंची, और अंततः चैतन्य के पास। चैतन्य और पप्पू ने मिलकर इन पैसों को विभिन्न प्रोजेक्ट्स में निवेश किया। केके श्रीवास्तव ने भी चैतन्य के जरिए 100 करोड़ रुपए मिलने की पुष्टि की है।
चैतन्य वर्तमान में कुम्हारी में 1300 करोड़ का विठ्ठल ग्रीन सिटी प्रोजेक्ट चला रहे हैं, जो उनकी कंपनी "बघेल बिल्डकॉन" से जुड़ा हुआ है। ईडी को जिन 16.7 करोड़ रुपए के अवैध लेन-देन के प्रमाण मिले हैं, वह गिरफ्तारी का मुख्य आधार बने। ईडी सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं क्योंकि पप्पू बंसल और अन्य गवाहों के बयान से घोटाले की परतें गहराती जा रही हैं।