हरितालिका तीज का व्रत क्यों है खास, ज्योतिष बता रहे हैं विशेषता और पूजा करने का मूहुर्त

सनातन धर्म के ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत मनाईं जाएगी. मान्यता है कि इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखते हैं जबकि कुंवारी कन्याएं इस व्रत को अच्छे वर्क की प्राप्ति के लिए रखते हैं.

हरितालिका तीज का व्रत क्यों है खास, ज्योतिष बता रहे हैं विशेषता और पूजा करने का मूहुर्त

 सनातन धर्म के ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं जबकि कुंवारी कन्याएं इस व्रत को अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं. हरतालिका तीज के अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, और सदैव माता पार्वती और भगवान शिव की कृपा भी बनी रहती है.

हरतालिका तीज का निर्जला व्रत रखकर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना भगवान शिव और माता पार्वती से करती हैं. वहीं अविवाहित कन्याएं इस व्रत को अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती है. इसीलिए भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि पर पड़ने वाली हरतालिका तीज का विशेष महत्व है.

24 घंटे निर्जला रहकर किया जाता है व्रत

लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने बताया कि माता पार्वती ने भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान शिव की प्राप्ति के लिए 24 घंटे निर्जला व्रत रखकर मिट्टी के शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की कठोर साधना की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रुप में स्वीकार किया था.

पति की लंबी आयु के लिए होता है व्रत

उन्होंने कहा कि तब से ही सनातन धर्म की विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए हरतालिका तीज का निर्जला व्रत कर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करते हैं. जबकि कुंवारी कन्याएं हरतालिका तीज का निर्जला व्रत अच्छे वर की प्राप्ति के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की निर्जला व्रत रखकर विधिवत से पूजा पाठ करती हैं.

पूजा करने का समय और मूहुर्त

आचार्य पंडित अरुणेश मिश्रा ने बताया कि पंचांग के अनुसार भाद्रपद मानस के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को 17 सितम्बर 2023 को सुबह 11:08 बजे से प्रारंभ होगी और 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12:39 बजे समाप्त होगी. इस दिन इंद्र योग का निर्माण हो रहा है, जो पूरे दिन रहेगा और इस दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है जो दोपहर 12:08 बजे से प्रारंभ होकर पूरी रात्रि रहेगा.

उन्होंने कहा कि हरतालिका तीज के दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को वाद-विवाद नहीं करना चाहिए, झूठ नहीं बोलना चाहिए, काले कपड़े और कई चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए, सिंदूर का अनादर नहीं करना चाहिए और तीज माता की पूजा करनी चाहिए जिससे पति की आयु लंबी होगी और घर परिवार में सुख समृद्धि का आगमन होगा.