कांग्रेस ने SIR अभियान के लिए कंट्रोल रूम बनाया, 90 सीटों में ट्रेनिंग शुरू

राज्यभर में चल रहे SIR अभियान की रियल-टाइम मॉनिटरिंग; मास्टर ट्रेनर 90 विधानसभा क्षेत्रों में दे रहे प्रशिक्षण, मतदाता नाम हटाने की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई का निर्देश।

कांग्रेस ने SIR अभियान के लिए कंट्रोल रूम बनाया, 90 सीटों में ट्रेनिंग शुरू

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रहे SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) अभियान को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कांग्रेस ने प्रदेश कार्यालय में राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया है। यह कंट्रोल रूम मतदाता सूची से संबंधित सभी गतिविधियों की निगरानी करेगा, जिलों से मिलने वाली रिपोर्टों की समीक्षा करेगा और आवश्यकतानुसार तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। पूरे ऑपरेशन का समन्वय सलाम रिजवी को सौंपा गया है, जो जिला, शहर और ब्लॉक इकाइयों के साथ लगातार संपर्क में रहेंगे।

अभियान के तहत 90 विधानसभा क्षेत्रों में मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा चुका है। ये ट्रेनर बीएलओ और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को इलेक्टोरल डेटा वेरिफिकेशन से संबंधित प्रक्रियाओं की जानकारी दे रहे हैं, ताकि मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटि या नाम हटाने की गलत कार्रवाई को रोका जा सके।

कंट्रोल रूम के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अभियान के दौरान कोई भी सूचना विलंबित नहीं की जाएगी। सभी इकाइयों को विधायकों, संभावित प्रत्याशियों और AICC कमेटी के साथ नियमित समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे किसी भी स्तर पर भ्रम की स्थिति न बने।

कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी क्षेत्र से मतदाता का नाम हटाने की शिकायत मिलती है, तो उसे तुरंत प्राथमिकता से मॉनिटर किया जाएगा। पार्टी ने बीएलओ को घर-घर जाकर लिखित पुष्टि प्राप्त करने की सलाह दी है, ताकि सूची में दर्ज हर नाम की वैधता पुख्ता की जा सके और “औपचारिक सर्वे” जैसी लापरवाहियों की गुंजाइश न बचे।

साथ ही पार्टी ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि मतदाता सूची का इलेक्ट्रॉनिक डेटा सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराया जाए, जिससे संशोधन से पहले पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रह सके और किसी भी पात्र मतदाता का नाम अनुचित तरीके से न हटे।

धान खरीदी सीजन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी व्यस्तता को देखते हुए कांग्रेस ने SIR अभियान की समयसीमा बढ़ाने की भी मांग की है। पार्टी का कहना है कि जल्दबाज़ी में किया गया सत्यापन पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर असर डाल सकता है।

कांग्रेस का मानना है कि कंट्रोल रूम की स्थापना और व्यापक प्रशिक्षण अभियान से मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी होगी, जिससे चुनावी प्रक्रिया में जनता का भरोसा मजबूत होगा।