क्रेडा में 3% कमीशन की शिकायत पर विधायक का आरोप - "मुख्यमंत्री का भी हिस्सा फिक्स, इसलिए नहीं हो रही कार्रवाई"

वेंडर्स ने क्रेडा अध्यक्ष और उनके सहायक पर लगाया कमीशन मांगने का आरोप, पीएम-गृहमंत्री तक की शरण ली; कांग्रेस ने सरकार को घेरा

क्रेडा में 3% कमीशन की शिकायत पर विधायक का आरोप - "मुख्यमंत्री का भी हिस्सा फिक्स, इसलिए नहीं हो रही कार्रवाई"

छत्तीसगढ़ के क्रेडा विभाग में 3 प्रतिशत कमीशन की मांग को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। विभागाध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी और उनके निजी सहायक पर लगे आरोपों को लेकर वेंडर्स ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री तक शिकायतें की हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का भी हिस्सा तय है, इसीलिए शिकायतों को दबाया जा रहा है।

भिलाई। छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) में भ्रष्टाचार का आरोप गहराता जा रहा है। विभाग में कार्यरत वेंडर्स ने आरोप लगाया है कि क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी और उनके निजी सहायक वैभव दुबे द्वारा काम के भुगतान के एवज में 3 प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही है। आरोपों के अनुसार, कमीशन नहीं देने पर ब्लैकलिस्ट करने और जांच में फंसाने की धमकी भी दी जा रही है।

इस शिकायत को 20 जून को दर्ज किया गया था, और 1 जुलाई को रिमार्क किया गया। 8 जुलाई को मुख्यमंत्री सचिवालय से इस मामले की जांच के निर्देश भी जारी किए गए हैं, साथ ही जनदर्शन की वेबसाइट पर रिपोर्ट अपलोड करने को कहा गया है। इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

वेंडर्स ने अपनी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य शीर्ष पदाधिकारियों तक पहुंचाई है, और भूपेंद्र सवन्नी पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।

इस प्रकरण पर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा –

"जब से सुशासन की सरकार आई है, तब से हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। क्रेडा में काम करने वाले वेंडर्स से खुलेआम 3% कमीशन की मांग हो रही है। शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं होना इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं मुख्यमंत्री का भी हिस्सा तय है।"

कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि "चंदा दो, धंधा लो - यही भाजपा की असली नीति है।"

शिकायत की प्रति सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विपक्ष लगातार हमलावर है, वहीं सत्ता पक्ष इस पूरे मामले पर मौन साधे बैठा है।