प्रधान न्यायाधीश ने केंद्रीय जेल दुर्ग का किया निरीक्षण

बंदियों की सुविधाओं, विधिक सहायता और स्वच्छता व्यवस्था का लिया जायज़ा; वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पेशी को प्राथमिकता देने पर बल

प्रधान न्यायाधीश ने केंद्रीय जेल दुर्ग का किया निरीक्षण

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने केंद्रीय जेल दुर्ग का निरीक्षण कर बंदियों की मूलभूत सुविधाओं, विधिक सहायता व्यवस्थाओं और जेल प्रशासनिक प्रबंधन की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने जेल अधीक्षक सहित संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए कि बंदियों को न्यायसंगत प्रक्रिया एवं स्वच्छ वातावरण बिना किसी बाधा के मिलना सुनिश्चित किया जाए।

दुर्ग.  दुर्ग मुख्यालय स्थित केंद्रीय जेल दुर्ग का निरीक्षण प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला दुर्ग द्वारा किया गया। इस दौरान उन्होंने जेल परिसर में विभिन्न व्यवस्थाओं का सूक्ष्म अवलोकन किया। निरीक्षण में उन्होंने मुलाकात कक्ष, लीगल एड क्लीनिक, बंदी कक्ष, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, पाकशाला, भोजन की गुणवत्ता, और प्रशासनिक प्रबंधन की स्थिति का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया।

प्रधान न्यायाधीश ने बंदियों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं को समझा और उनकी दिनचर्या से जुड़ी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने विशेष रूप से नए आपराधिक विधानों के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय में पेशी को प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता बताई।

बंदियों को दी जा रही विधिक सहायता पर भी विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने पैरालीगल वालेंटियर द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि जो बंदी निजी अधिवक्ता नहीं रख सकते, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाए।

इसके अतिरिक्त, परिहार के योग्य बंदियों के लंबित आवेदनों को शीघ्रता से निपटाने हेतु संबंधित जानकारी प्राधिकरण को भेजने के निर्देश भी दिए गए। स्वच्छता व्यवस्था पर विशेष बल देते हुए उन्होंने जेल अधीक्षक को स्पष्ट निर्देश दिए कि बंदियों को स्वच्छ वातावरण, पौष्टिक भोजन, समय-समय पर स्वास्थ्य जांच और शिक्षा जैसे अधिकार बाधारहित रूप से प्रदान किए जाएं। निरीक्षण के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, जेल अधीक्षक, अन्य अधिकारी-कर्मचारी एवं पैरालीगल वालेंटियर भी उपस्थित थे।