"सेफ-टी: चाय पर संवाद, सुरक्षा और विश्वास की नई राह पर बी.आर.एम."
भिलाई स्टील प्लांट की बार एंड रॉड मिल में शुरू हुई संवादात्मक पहल — वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारियों से कर रहे हैं सीधा संवाद, सुरक्षा और सुधार बन रहा है चर्चा का मुख्य विषय।

भिलाई स्टील प्लांट की बार एंड रॉड मिल में एक नई कार्यसंस्कृति आकार ले रही है, जहाँ चाय की प्याली के साथ कर्मचारी और वरिष्ठ अधिकारी आमने-सामने बैठकर संवाद कर रहे हैं। 'सेफ-टी: चाय पे चर्चा' नामक इस पहल की शुरुआत मुख्य महाप्रबंधक श्री योगेश शास्त्री ने की है, जिसका उद्देश्य है – कर्मचारियों से सीधे संवाद कर उनके विचार, अनुभव और सुझावों को सुनना और सुरक्षा को केंद्र में रखकर सुधार की दिशा तय करना।
भिलाई। कार्यस्थल की पारंपरिक बैठकों से इतर, अब बात होगी चाय पर। भिलाई स्टील प्लांट के बार एंड रॉड मिल (बी.आर.एम.) में ‘सेफ-टी: चाय पे चर्चा’ नाम से एक अभिनव पहल की शुरुआत हुई है, जो कर्मचारियों से संवाद के जरिए सुरक्षा, भरोसे और बेहतर कार्यसंस्कृति की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
इस पहल की सूत्रधार हैं बी.आर.एम. के मुख्य महाप्रबंधक श्री योगेश शास्त्री, जो कर्मचारियों से आमने-सामने, अनौपचारिक माहौल में चाय के साथ बातचीत करते हैं। यह कोई समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि एक ऐसा संवाद है, जहाँ हर कर्मचारी से उसकी ज़िंदगी, कार्य अनुभव और सुरक्षा के विषय में खुलकर बात होती है।
10 जुलाई 2025 को हुई ऐसी ही एक चर्चा में श्री शास्त्री ने बीआरएम के कर्मचारी श्री सुब्रत कुमार से मुलाकात की। बातचीत के दौरान श्री कुमार ने अपने अनुभव साझा किए और सुधार से जुड़े सुझाव भी दिए। इन सुझावों को गोपनीय रूप से दर्ज किया गया ताकि भविष्य की योजनाओं में उन्हें शामिल किया जा सके।
इस पहल की खास बात यह भी है कि चर्चा के अंत में हर कर्मचारी को एक छोटा-सा स्मृति-चिन्ह भेंट किया जाता है, जिसमें उनके परिवार के साथ एक चित्र और एक व्यक्तिगत सुरक्षा संकल्प अंकित होता है — “मैं स्वयं को सुरक्षित रखूँगा क्योंकि मैं अपने परिवार से प्रेम करता हूँ।”
यह एक भावनात्मक संकेत है कि कर्मचारी सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि संगठन की आत्मा हैं। इस पहल से न केवल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ रहा है, बल्कि एक सकारात्मक, सुरक्षित और सहभागी कार्यसंस्कृति भी बन रही है।
‘सेफ-टी: चाय पे चर्चा’ इस सोच की मिसाल है कि जब नेतृत्व सुनने को प्राथमिकता देता है, तो केवल संवाद ही नहीं, संगठन का भविष्य भी सुरक्षित हो जाता है।