AILRSA का रेल सुधारों के लिए दो दिनी उपवास–धरना

लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और रनिंग स्टाफ ने मिलकर उठाई 10 प्रमुख मांगें

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के लोको रनिंग स्टाफ ने अपनी लंबित मांगों और सेवा शर्तों में सुधार की मांग को लेकर शुक्रवार से 48 घंटे के उपवास एवं शांतिपूर्ण धरने की शुरुआत की। रायपुर मंडल के बीएमवाई चरोदा स्थित रनिंग स्टाफ कार्यालय के सामने बड़ी संख्या में लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और अन्य कर्मियों ने भाग लेकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की।

रायपुर। ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार से 48 घंटे के उपवास और शांतिपूर्ण धरने की शुरुआत की। रायपुर मंडल के बीएमवाई चरोदा स्थित रनिंग स्टाफ कार्यालय के सामने लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और रनिंग स्टाफ बड़ी संख्या में एकजुट होकर बैठे। कर्मचारियों ने कहा कि यह आंदोलन न केवल उनके अधिकारों के लिए है, बल्कि रेल संरक्षा और बेहतर सेवा शर्तों की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है।

धरने में कर्मचारियों ने प्रमुख रूप से TA के सापेक्ष माइलेज भत्ते में 25% वृद्धि, माइलेज दर के 70% TA हिस्से को आयकर मुक्त करने, NPS/UPS समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल करने तथा बहु-लाइन एवं ऑटो सिग्नलिंग खंड में 6 घंटे ड्यूटी लागू करने जैसी मांगें रखीं। साथ ही SECR में लोको पायलट संवर्ग के 4541 रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया तेज करने, साप्ताहिक विश्राम (PR) को 16+30 घंटे सुनिश्चित करने और रनिंग स्टाफ से लगातार दो से अधिक रात की ड्यूटी न लेने की मांग भी की गई।

कर्मचारियों ने इंजनों में FSD सहित सभी संरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने, साइको फेल LP/ALP की वेतन कटौती बंद करने और ALP को भी रिस्क भत्ता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा दुर्घटना जांच को निष्पक्ष बनाने और उसके बाद सार्थक सुधारात्मक उपाय लागू करने की बात कही गई ताकि “शून्य SPAD” लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।

धरना स्थल पर कर्मचारियों ने “रेल संरक्षा—हमारा प्रथम लक्ष्य” का संकल्प दोहराते हुए उम्मीद जताई कि प्रशासन उनकी मांगों पर जल्द सकारात्मक निर्णय लेगा।