दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर में मुठभेड़: 5 नक्सली ढेर, एक जवान शहीद; जंगल में रुक-रुक कर फायरिंग जारी
DRG-STF-कोबरा की संयुक्त टीम पर घात लगाकर हमला, 16 दिन पहले हिड़मा के मारे जाने के बाद बढ़ी नक्सल हलचल
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच सोमवार को भीषण मुठभेड़ जारी है। अब तक 5 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, जबकि एक जवान शहीद हुआ है और एक घायल बताया जा रहा है। दोनों तरफ से फायरिंग रुक-रुक कर हो रही है। बस्तर IG सुंदरराज पी. ने मुठभेड़ की पुष्टि की है।
छत्तीसगढ़ के उग्रवाद प्रभावित दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर सोमवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ ने फिर एक बार बस्तर के घने जंगलों को गोलियों की आवाज़ से दहला दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ में अब तक 5 नक्सली ढेर हो चुके हैं, वहीं सुरक्षाबलों का एक जवान शहीद हुआ है और एक जवान घायल है। फायरिंग अभी भी रुक-रुक कर जारी है।
बस्तर रेंज के IG सुंदरराज पी. ने बताया कि DRG, STF और कोबरा बटालियन की संयुक्त टुकड़ी वेस्ट बस्तर डिवीजन में सर्च ऑपरेशन के लिए रवाना हुई थी। इसी दौरान जंगल में पहले से ही घात लगाए नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ तेज हो गई।
यह मुठभेड़ ऐसे समय में हो रही है, जब 16 दिन पहले ही कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा को सुरक्षाबलों ने आंध्र प्रदेश बॉर्डर के मरेडमिल्ली जंगल में ढेर किया था। हिड़मा की मौत के बाद नक्सल गतिविधियों में हलचल बढ़ी है, जिसे देखते हुए सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया था।
गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने हिड़मा का सफाया करने के लिए 30 नवंबर तक की डेडलाइन दी थी। इसी अभियान के तहत 18 नवंबर को हिड़मा, उसकी पत्नी और चार अन्य नक्सली मार गिराए गए थे। हिड़मा पिछले दो दशकों में हुए 26 से अधिक बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है, जिनमें 2010 का दंतेवाड़ा हमला, 2013 का झीरम घाटी हत्याकांड और 2021 का सुकमा-बीजापुर हमला शामिल है।
दंतेवाड़ा में 2010 के जिस हमले में 76 CRPF जवान शहीद हुए थे, उसका मास्टरमाइंड भी हिड़मा ही था। उस हमले की साजिश रचने में शामिल बसवाराजू इससे पहले ही एक अन्य मुठभेड़ में मारा जा चुका है।
सुरक्षाबलों का कहना है कि इलाके में और भी नक्सलियों के छुपे होने की आशंका है। जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी है और मुठभेड़ किसी भी समय फिर तेज हो सकती है। प्रशासन ने आसपास के गांवों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
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