दुर्ग पुलिस का 'ऑपरेशन वेरिफिकेशन': प्रवासी मजदूरों की जांच तेज, ठेकेदारों को सख्त निर्देश

भिलाई स्टील प्लांट में काम करने वाले ठेका श्रमिकों की पहचान और दस्तावेजों का हो रहा गहन सत्यापन, नियमों के उल्लंघन पर ठेकेदारों पर गिरेगी गाज

दुर्ग पुलिस ने अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मजदूरी करने वालों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। भिलाई स्टील प्लांट में कार्यरत हजारों ठेका श्रमिकों की पहचान सुनिश्चित करने और उनकी पृष्ठभूमि की जांच के लिए बड़ा ऑपरेशन शुरू किया गया है।

दुर्ग। जिले में अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों और बिना दस्तावेज मजदूरी कर रहे प्रवासी श्रमिकों की पहचान के लिए दुर्ग पुलिस द्वारा विशेष अभियान "ऑपरेशन वेरिफिकेशन" चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत पुलिस उड़ीसा, बिहार, झारखंड सहित बांग्लादेश सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों से आए मजदूरों के दस्तावेजों की जांच कर रही है।

भिलाई में स्थित एशिया के सबसे बड़े इस्पात संयंत्र — भिलाई स्टील प्लांट — में हजारों की संख्या में ठेका मजदूर कार्यरत हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे मजदूर हैं, जो दीगर राज्यों से आए हैं और कई बार ठेकेदार उन्हें बिना उचित सत्यापन के काम पर रख लेते हैं।

इस पर सख्ती करते हुए दुर्ग पुलिस ने सभी ठेकेदारों और श्रमिक यूनियनों की बैठक बुलाई। बैठक में एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी मजदूर बिना पूर्ण दस्तावेज जांच के कार्य पर ना रखा जाए। हर मजदूर की जानकारी पुलिस को पहले दी जाए और सत्यापन पूरा होने के बाद ही काम पर लगाया जाए।

यदि किसी ठेकेदार ने नियमों की अनदेखी की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब हर स्तर पर श्रमिकों की निगरानी कर रही है, जिससे प्लांट में कार्यरत श्रमिकों की पहचान सुरक्षित और वैध हो सके।