खास समाचार : अवैध प्लाटिंग बनी किसानों की मुसीबत: जल निकासी रुकी, फसलें जलमग्न
नगपुरा गांव में 300 एकड़ फसल डूबी, वर्षों से जल भराव झेल रहे किसान आंदोलन की चेतावनी पर अड़े, प्रशासनिक अनदेखी से नाराज

दुर्ग जिले के नगपुरा गांव में लगातार बारिश के बाद किसानों की समस्याएं और गहरा गई हैं। खेतों से पानी नहीं निकल पाने के कारण सैकड़ों एकड़ फसल डूब गई है। स्थानीय किसानों का आरोप है कि अवैध प्लाटिंग के कारण जल निकासी के पुराने रास्ते बंद हो चुके हैं। लंबे समय से शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे किसानों में आक्रोश है और उन्होंने चक्काजाम की चेतावनी दी है।
दुर्ग। जिले में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण नगपुरा गांव के किसान बड़े संकट से जूझ रहे हैं। यहां करीब 300 एकड़ धान और अन्य फसलें जलभराव के कारण पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में हो रही अवैध प्लाटिंग के चलते खेतों से पानी निकलने के पुराने रास्ते अवरुद्ध हो चुके हैं।
किसानों का कहना है कि वे बीते तीन वर्षों से लगातार प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। अब किसान आंदोलन की राह पर हैं और चक्काजाम की चेतावनी दे चुके हैं।
70 वर्षीय बुजुर्ग किसान बिसौहा राम धनकर ने बताया कि वह वर्षों से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन इस बार खेतों में पानी निकलने का रास्ता पूरी तरह बंद हो चुका है। नगपुरा-जालबांधा रोड के पास उनके खेत पहली ही बारिश में डूब गए हैं। पहले की तुलना में अब जल निकासी असंभव हो गई है, और इसके लिए अवैध प्लाटिंग को जिम्मेदार ठहराया गया है।
किसानों की पीड़ा साझा करने वालों में चेतन यादव, सुरेश सिन्हा, इरेंद्र यादव, प्रदीप देवांगन, हेमलाल सिन्हा और हेमचंद धनकर जैसे कई नाम शामिल हैं। इनका कहना है कि जब तक स्थायी समाधान नहीं मिलेगा, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
हालांकि, कलेक्टर ने स्थल निरीक्षण कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है, लेकिन किसानों का भरोसा अब केवल कार्रवाई पर टिका है, न कि आश्वासनों पर।