तेज़ रफ्तार ई-रिक्शा ने 2.5 साल के मासूम की ली जान, घर के सामने खेल रहा था बच्चा

दुर्ग की IHSDP कॉलोनी में हुआ दर्दनाक हादसा, गंभीर रूप से घायल बच्चे की अस्पताल में हुई मौत, आरोपी चालक हिरासत में

दुर्ग के मोहन नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत बॉम्बे आवास (IHSDP कॉलोनी) में एक मासूम की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई। 2.5 वर्षीय खुशांत दास मानिकपुरी अपने घर के सामने खेल रहा था, तभी तेज रफ्तार ई-रिक्शा ने उसे कुचल दिया। परिजन उसे तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन इलाज के दौरान उसकी जान नहीं बच सकी।

दुर्ग। शहर के मोहन नगर थाना क्षेत्र स्थित बॉम्बे आवास (IHSDP कॉलोनी) में शुक्रवार को एक हृदयविदारक हादसे ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। 2.5 वर्षीय खुशांत दास मानिकपुरी, जो घर के बाहर खेल रहा था, अचानक तेज रफ्तार ई-रिक्शा की चपेट में आ गया। हादसे के बाद मासूम के प्राइवेट पार्ट से रक्तस्राव शुरू हो गया।

परिजनों ने आनन-फानन में जिला अस्पताल दुर्ग पहुँचाया, लेकिन वहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। यह खबर सुनकर परिजन बदहवास हो गए और अस्पताल परिसर में हंगामे की स्थिति बन गई।

 चालक मौके से भागा, देर रात पकड़ा गया
ई-रिक्शा चालक की पहचान अजय विश्वकर्मा के रूप में हुई है, जो हादसे के बाद मौके से फरार हो गया था। मोहन नगर पुलिस ने घटना की जानकारी मिलते ही जांच शुरू की और देर रात आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अब मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।

 परिजन की पीड़ा — चाचा का बयान
मृतक बच्चे के चाचा देवेंद्र दास मानिकपुरी ने बताया,

“बच्चा रोज की तरह घर के सामने खेल रहा था, ई-रिक्शा काफी तेज था और अचानक उसे कुचलते हुए निकल गया। जब हम अस्पताल पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।”

 स्थानीय लोगों में आक्रोश, सुरक्षा सवालों के घेरे में
घटना के बाद कॉलोनीवासियों में भारी आक्रोश देखा गया। लोगों का कहना है कि IHSDP क्षेत्र में ई-रिक्शा व अन्य वाहनों की रफ्तार पर कोई नियंत्रण नहीं है। मासूम बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को ठोस कदम उठाने की मांग की जा रही है।

2.5 साल के मासूम की इस असमय मौत ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आवासीय इलाकों में वाहनों की रफ्तार और ट्रैफिक व्यवस्था कितनी अनियंत्रित है। प्रशासन से माँग है कि ऐसे संवेदनशील इलाकों में स्पीड ब्रेकर, चेतावनी बोर्ड और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँ, ताकि भविष्य में किसी और घर का चिराग यूँ न बुझ जाए।