नेशनल हेराल्ड FIR पर सियासत गरमाई: वोरा बोले—यह विपक्ष को डराने की कोशिश

अरुण वोरा ने FIR को प्रतिशोध की राजनीति बताया • आर.एन. वर्मा ने जांच प्रक्रिया पर उठाए सवाल • कांग्रेस ने केंद्र पर लोकतांत्रिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया

नेशनल हेराल्ड FIR पर सियासत गरमाई: वोरा बोले—यह विपक्ष को डराने की कोशिश

नेशनल हेराल्ड प्रकरण में ईडी की शिकायत के आधार पर कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व — सोनिया गांधी और राहुल गांधी — पर नई FIR दर्ज होने के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। दुर्ग में पूर्व विधायक अरुण वोरा और पूर्व महापौर आर.एन. वर्मा ने इसे ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ और ‘‘लोकतांत्रिक संस्थाओं के दुरुपयोग’’ की मिसाल बताया है।

दुर्ग, 1 दिसंबर —

नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के विरुद्ध नई FIR दर्ज होते ही देशभर की राजनीतिक फिज़ा गरमा गई है। इसी क्रम में दुर्ग के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अरुण वोरा ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए इस कार्रवाई को ‘‘लोकतांत्रिक संस्थाओं का खुलेआम दुरुपयोग’’ बताया है।

 

वोरा ने कहा—‘नेतृत्व बेदाग, यह प्रतिशोध की राजनीति’

 

अरुण वोरा ने अपने बयान में कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी देश के सम्मानित और जनप्रिय नेता हैं, जिनकी निष्ठा, त्याग और प्रतिबद्धता पर कभी कोई सवाल नहीं खड़ा हो सकता। उन्होंने कहा—

 

“केंद्र सरकार राजनीतिक प्रेरित कार्रवाइयों के जरिए विपक्ष को भय दिखाने और कमजोर करने की कोशिश कर रही है। यह कदम सरकार की घबराहट और असुरक्षा की निशानी है।”

 

वोरा का आरोप है कि ईडी, सीबीआई और दिल्ली पुलिस जैसी संवैधानिक संस्थाओं को ‘‘सत्ता की मंशानुसार झुकाकर’’ विपक्ष को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनता से उठ रहे असंतोष, आर्थिक चुनौतियों और सरकार की नीतिगत असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे मामले उछाले जा रहे हैं।

 

आर.एन. वर्मा ने भी FIR पर उठाए गंभीर प्रश्न

 

पूर्व महापौर आर.एन. वर्मा भी सरकार पर हमलावर दिखे। उन्होंने कहा—

 

“देश के दो शीर्ष नेताओं पर कार्रवाई हो और जांच में पारदर्शिता न दिखे तो सवाल उठना लाजिमी है। संस्थाओं का राजनीतिक उपयोग लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करता है।”

 

वर्मा का कहना है कि यह प्रवृत्ति लंबी अवधि में लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरनाक संकेत है।

 

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी, केंद्र पर ‘ओछी राजनीति’ का आरोप

 

स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी FIR को ‘‘ओछी राजनीति’’ बताते हुए कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि यह विवाद केवल कानूनी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की भविष्य दिशा और संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता से जुड़ा बड़ा मुद्दा है।