बिग ब्रेकिंग न्यूज : चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी से गरमाई सियासत, शराब घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई

बेटे के जन्मदिन पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर छापा, कांग्रेस ने केंद्र पर लगाया विपक्ष को डराने का आरोप

भिलाई। शराब घोटाले की जांच में शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भिलाई स्थित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर दबिश दी। इस दौरान ईडी ने बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों के अनुसार, चैतन्य को रायपुर स्थित ईडी कार्यालय ले जाकर पूछताछ की जा रही है। कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहा, वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध दर्ज कराने ईडी दफ्तर के बाहर जुटने लगे हैं।

यह पूरी कार्रवाई उस वक्त हुई जब चैतन्य बघेल अपना जन्मदिन मना रहे थे। मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। विधानसभा जाते समय उन्होंने कहा,
“पिछली बार मेरे जन्मदिन पर ईडी आई थी, अब मेरे बेटे के जन्मदिन पर भेजी गई है। यह सब अडाणी के पेड़ कटाई मुद्दे को दबाने के लिए किया गया है। मैं न झुकूंगा, न टूटूंगा।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह कार्रवाई मोदी-शाह की ‘मालिकपरस्ती’ का नतीजा है। बघेल का कहना है कि आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है और वे अडाणी द्वारा तमनार क्षेत्र में पेड़ कटाई को लेकर बड़ा खुलासा करने वाले थे। ईडी की टीम सुबह करीब सात बजे बघेल के पदुमनगर निवास पहुंची थी। टीम के साथ सीआरपीएफ का दल भी मौजूद था। कुछ ही देर में चैतन्य को घर से ले जाया गया।

इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों को डराने और दबाने का आरोप लगाया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा—
“डबल इंजन की सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। विपक्ष को चुप कराने के लिए ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है।”

कांग्रेस की ओर से यह भी आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार खुद 32 हजार के जग, 50 लाख की टीवी और 11 करोड़ के योगा घोटाले में घिरी है, लेकिन बदले की राजनीति में विपक्ष को निशाना बना रही है।

क्या है शराब घोटाला मामला?
छत्तीसगढ़ में शराब वितरण और बिक्री से जुड़ा यह मामला लगभग 2,000 करोड़ रुपए के घोटाले से जुड़ा है। ईडी की जांच के मुताबिक, तत्कालीन सरकार में यह घोटाला IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी, और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट द्वारा अंजाम दिया गया। ईडी की इस कार्रवाई से छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। आने वाले दिनों में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच टकराव और गहराने के आसार हैं।