ब्रेकिंग न्यूज : शराब घोटाले में बड़ा एक्शन: ACB-EOW की 22 ठिकानों पर दबिश, भिलाई-दुर्ग में तड़के पहुंची टीमें

पूर्व आबकारी मंत्री लखमा के करीबी कारोबारियों के घर और फैक्ट्रियों पर छापेमारी, दस्तावेज, कैश और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच तेजी पकड़ चुकी है। ACB और EOW की संयुक्त टीमों ने सोमवार सुबह भिलाई-दुर्ग समेत प्रदेशभर में 22 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। यह कार्रवाई पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से जुड़े कारोबारियों और उनके सहयोगियों पर केंद्रित रही।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) और EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने सुबह तड़के बड़ा अभियान चलाया। सुबह 4 बजे चार गाड़ियों में सवार टीमें भिलाई और दुर्ग पहुंचीं और अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ दबिश दी गई। अब तक 22 जगहों पर छापेमारी की पुष्टि हुई है।
इस कार्रवाई का मुख्य केंद्र भिलाई-दुर्ग रहा, जहां कवासी लखमा के करीबी माने जाने वाले व्यापारियों और उद्योगपतियों के आवासों व संस्थानों पर छापे मारे गए। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित आम्रपाली अपार्टमेंट में अशोक अग्रवाल, नेहरू नगर में बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल, वहीं खुर्सीपार में विनय अग्रवाल के यहां जांच जारी है।
इसके अलावा, धमतरी और महासमुंद जिलों में भी समानांतर कार्रवाई की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, अशोक अग्रवाल की कई फेब्रिकेशन फैक्ट्रियां हैं और वे पूर्व मंत्री कवासी लखमा के करीबी माने जाते हैं। उन पर लखमा के साथ मिलकर अवैध शराब कारोबार को बढ़ावा देने का आरोप है। टीम ने उन्हें उनके निवास से पकड़कर फैक्ट्री ले जाकर दस्तावेजों की गहन जांच की।
भिलाई के नेहरू नगर निवासी बंसी अग्रवाल की GI तार फैक्ट्री और वायर ड्राइंग यूनिट खुर्सीपार में है। वे अग्रवाल समाज के स्थानीय अध्यक्ष भी हैं। उनके आवास पर भी जांच की जा रही है। सूची में शामिल अन्य प्रमुख नामों में संजय गोयल (स्पर्श हॉस्पिटल), आशीष गुप्ता (आशीष इंटरनेशनल होटल), एसके केजरीवाल और विश्वास गुप्ता (बिल्डर) शामिल हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि इससे तीन दिन पहले भी रायपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, जगदलपुर और अंबिकापुर में 13 ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। उस दौरान 19 लाख रुपए नकद, कई मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, बैंक खाते और जमीन से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए थे। ACB और EOW की यह संयुक्त कार्रवाई आने वाले समय में और तेज हो सकती है, क्योंकि घोटाले से जुड़े कई और नाम जांच के दायरे में आ चुके हैं।