"NHM कर्मचारियों का प्रतीकात्मक विरोध: कब मिलेगा स्थायीत्व, सरकार से जवाब तलब"
दुर्ग में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर जताया रोष, अरुण वोरा ने आंदोलन को बताया न्यायसंगत

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत वर्षों से सेवा दे रहे हजारों संविदा कर्मियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। दुर्ग में बुधवार को NHM कर्मचारियों ने प्रतीकात्मक प्रदर्शन कर सरकार से स्थायीत्व, वेतन वृद्धि और अन्य सुविधाओं की माँग करते हुए सवाल उठाया—"जो लोग प्रदेश की सेहत का ख्याल रखते हैं, उनकी सुध कौन लेगा?" इस आंदोलन को कांग्रेस नेता अरुण वोरा का समर्थन भी मिला।
दुर्ग। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को वर्षों से संभाल रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मियों की पीड़ा अब सार्वजनिक हो गई है। बुधवार को दुर्ग के हिन्दी भवन के समक्ष NHM कर्मचारियों के प्रतिनिधि समूह ने 10 प्रमुख मांगों को लेकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार का ध्यान वर्षों से लंबित माँगों की ओर आकर्षित करना था।
प्रदर्शन की प्रमुख माँगों में शामिल हैं:
- 10 से 15 वर्षों से संविदा पर कार्यरत कर्मियों का स्थायीत्व (संविलियन) किया जाए।
- 27% वेतन वृद्धि तत्काल लागू की जाए, जो अन्य विभागों में पहले से प्रभावी है।
- मेडिकल और मातृत्व अवकाश, चिकित्सा बीमा जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएं।
- पारदर्शी कार्य मूल्यांकन प्रणाली (CR) लागू हो।
- सेवा काल में दिवंगत कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति मिले।
नेता ने जताया समर्थन
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अरुण वोरा मौके पर पहुँचे और कर्मचारियों की बात सुनी। उन्होंने कहा,
"NHM कर्मी राज्य की स्वास्थ्य रीढ़ हैं। अगर वे वर्षों तक संविदा पर काम करते हैं, तो उन्हें स्थायीत्व क्यों नहीं दिया जाना चाहिए? 27% वेतन वृद्धि की घोषणा के बावजूद इसे लागू न करना, छुट्टियाँ और बीमा न देना एक असंवेदनशील शासन व्यवस्था को दर्शाता है।"
उन्होंने राज्य सरकार से माँग की कि इन कर्मचारियों की सभी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए।
"जो कर्मचारी पूरे राज्य की सेहत के लिए दिन-रात कार्यरत हैं, उनकी सुरक्षा और सम्मान भी सरकार की जिम्मेदारी है," उन्होंने जोड़ा।
NHM कर्मचारियों ने अरुण वोरा के समर्थन को नैतिक संबल बताते हुए उम्मीद जताई कि विपक्ष इस मुद्दे को विधानसभा में उठाकर उनके हक़ की आवाज़ को और मजबूत करेगा।