खास समाचार : त्योहारों से पहले डीजे संचालकों को मिली सख्त हिदायतें, नियम उल्लंघन पर कार्रवाई तय

ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन ने दिखाई सख्ती

  • सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी और हाईकोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन अनिवार्य
  • ध्वनि सीमाओं, समयबद्धता और साइलेंस ज़ोन के नियमों पर दी गई विशेष हिदायत
  • 100 से अधिक डीजे संचालकों ने बैठक में लिया भाग

दुर्ग जिले में आगामी त्योहारों और धार्मिक आयोजनों को लेकर ध्वनि नियंत्रण के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिलेभर के डीजे संचालकों को सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी और Noise Pollution Control नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करने को कहा गया। नियमों के उल्लंघन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

दुर्ग/भिलाई (सन टाइम्स)। त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के मद्देनज़र ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर दुर्ग पुलिस प्रशासन ने डीजे संचालकों की विशेष बैठक बुलाई। 15 जुलाई 2025 को पुलिस नियंत्रण कक्ष, भिलाई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) एवं नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लगभग 100 डीजे संचालकों ने भाग लिया।

बैठक में डीजे संचालन संबंधी कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए, जिनमें प्रमुख रूप से यह कहा गया कि:

  • डीजे या ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग निर्धारित ध्वनि सीमा (अधिकतम 75 डीबीए या क्षेत्रीय ध्वनि से 10 डीबीए अधिक) से अधिक नहीं होना चाहिए।
  • रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनि यंत्र का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
  • सभी आयोजनों के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा, विशेषकर जब उसमें शासकीय सुविधाओं या संपत्तियों का उपयोग किया जाए।
  • वाहनों पर डीजे या ध्वनि यंत्रों के उपयोग पर रोक लगाई गई है।
  • किसी भी आयोजन में मार्ग बाधित न हो, और जनता को असुविधा न पहुंचे, इसका ध्यान रखा जाए।
  • साइलेंस जोन जैसे कि अस्पताल, न्यायालय, स्कूल-कॉलेज, सरकारी कार्यालयों के 100 मीटर के दायरे में ध्वनि यंत्र पूर्णतः वर्जित हैं।

माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित आदेश (प्रकरण WPPIL ©️-88/2023, दिनांक 20.11.2023) और Noise Pollution Control Rules, 2000 के तहत इन सभी नियमों का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया गया। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी आयोजन में नियमों का उल्लंघन पाया गया तो अनुमति स्वतः निरस्त हो जाएगी और संचालकों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।